बुजुर्गों के लिए मोदी सरकार उठाने जा रही ये बड़ा कदम, जापान में भी लागू है ये कानून

नई दिल्ली। वर्ष 2030 तक देश की 12 प्रतिशत आबादी की उम्र 60 वर्ष से अधिक होगी और इन 15 करोड़ लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित के लिए सरकार नीति ला सकती है। नीति आयोग ने इस संबंध में सरकार की मदद के लिए पूरा मसौदा जारी किया है। मसौदे में बुजुर्गों को मुख्य रूप से चार सेक्टर स्वास्थ्य, सामाजिक, आर्थिक व डिजिटल रूप से सुरक्षित करने की सिफारिश की गई है।

देश में 78 प्रतिशत बुजुर्गों के पास पेंशन की कोई सुविधा नहीं

नीति आयोग का कहना है कि इन चार सेक्टर में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली सुविधाओं में जो कमी है, उसे पूरा करके बुजुर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। उदाहरण के तौर पर आयोग ने बताया कि देश में 78
प्रतिशत बुजुर्गों के पास पेंशन की कोई सुविधा नहीं है। सिर्फ 18 प्रतिशत बुजुर्गों के पास ही स्वास्थ्य बीमा है।

20 प्रतिशत बुजुर्ग मानसिक रूप से पीड़ित

डिमेनशिया जैसी मानसिक बीमारी से पीडि़त होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 20 प्रतिशत बुजुर्ग किसी न किसी रूप में मानसिक रूप से पीड़ित होते हैं। परिवार में लोगों की संख्या कम होती जा रही है, इसलिए बुजुर्गों की देखभाल करने वालों की कमी होती जा रही है।


बुजुर्गों की आर्थिक निर्भरता प्रभावित

60 साल के बाद उपार्जन के अवसर नहीं मिलने से भी बुजुर्गों की आर्थिक निर्भरता प्रभावित होती है। धीरे-धीरे सभी सेक्टर डिजिटल होते जा रहे हैं इसलिए वित्तीय सुरक्षा से लेकर अन्य सुविधाओं को हासिल करने के लिए भी बुजुर्गों को डिजिटल रूप से जागरूक करना होगा। नीति आयोग ने अपने मसौदे में जापान, स्वीडन, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, सिंगापूर, ब्रिटेन जैसे कई देशों में बुजुर्गों को दी जाने वाली आर्थिक व स्वास्थ्य सुरक्षा का मॉडल भी दिया है।

जापान में 65 साल तक की आयु तक रोजगार का कानून

जापान में 65 साल तक की आयु तक रोजगार का कानून है ताकि व देश की उत्पादकता में बुजुर्ग भी अपना योगदान दे सके और आर्थिक रूप से स्वतंत्र रह सके। वैसे ही, जर्मनी में 85 प्रतिशत आबादी सरकारी हेल्थ स्कीम के तहत कवर होते हैं और बाकी की 15 प्रतिशत के पास निजी हेल्थ इंश्योरेंस हैं। नीति आयोग के मसौदे के मुताबिक बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा के लिए उनके अनुभव व उनकी कुशलता के मुताबिक पेशे का सृजन करना चाहिए।

बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए प्रोत्साहन की जरूरत

पेंशन की मदद के दायरे को बढ़ाना चाहिए। बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए सस्ते हेल्थ इंश्योरेंस की व्यवस्था होनी चाहिए। बुजुर्गों की देखभाल संबंधी उत्पादों को जीएसटी से मुक्त करना चाहिए। रिवर्स मार्गेज स्कीम के तहत उन्हें अधिक नकदी प्रदान पर सरकार को विचार करना चाहिए। रिवर्स मार्गेज के तहत बुजुर्ग अपनी संपत्ति को बैंक के पास रखकर एक निश्चित अवधि के लिए फिक्स्ड रकम ले सकते हैं। सामाजिक रूप से सुरक्षित करने के लिए उनमें कानूनी जागरूकता लाने के साथ सामुदायिक मदद के प्रोत्साहन की जरूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button