खदान बंद हड़ताल: कोयले का उत्पादन और डिस्पेच पूरी तरह बंद, करोड़ों का हुआ नुकसान; कर्मचारियों ने रखी मांगें
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बिलासपुर/रायपुर.
कोयला कामगारों की विभिन्न मांगो को लेकर श्रमिक संगठनों द्वारा देशव्यापी खदान बंद हड़ताल सूरजपुर जिले के विश्रामपुर व भटगांव क्षेत्र मे सफल रहा। खदानों मे कोयला उत्पादन और डिस्पेंच पूरी तरह प्रभावित रहा, जिससे विश्रामपुर व भटगांव क्षेत्र से एसईसीएल को कई करोड़ का नुकसान हुआ।
गौरतलब है कि केंद्रीय नेताओं के आह्वान पर एसईसीएल भटगांव व विश्रामपुर क्षेत्र में 16 फरवरी को कोयला खदान बंद आंदोलन को सफल बनाने के लिए श्रमिक संघ के पदाधिकारी कई दिनों से तैयारी कर रहे थे, जिसका सार्थक परिणाम देखने को मिला। इमरजेंसी सेवाओं के साथ प्रथम एवं द्वितीय पाली में मजदूरों की उपस्थिति दस प्रतिशत से भी कम आंकी गई। वहीं, कई खदानों मे कोयला उत्पादन पूरी तरह बाधित रहा। श्रम संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रबंधन के लोग अपनी इज्जत बचाने और कोयला उत्पादन कराने की लिए हड़ताल में शिरकत नहीं कर रहे। एक यूनियन के कामगारों के साथ मिल कर काफी हाथ-पैर मारने का प्रयास किया, लेकिन उनके हाथ सफलता नहीं लग सकी और प्रतिदिन के अनुपात के मुकाबले कोयला उत्पादन नगन्य रहा। मजदूर संगठन के हड़ताल के आह्वान और घेराबंदी की वजह से जहां कोयला उत्पादन प्रभावित हुआ, वहीं डिस्पेंच पूरी तरह बंद रहा।
0- श्रमिक संगठन की मांग है कि कोयला उद्योग का निजीकरण बंद किया जाए।
0- एमडीओ मोड एवं रेवेन्यु शेयरिंग के आधार पर खदान चलाना बंद करें।
0- मजदूर विरोधी एवं खदान मालिक पक्षीय चार लेबर कोड को वापस लें।
0- आउटसोर्सिंग में लगे ठेका मजदूरों को एचपीसी वेज के आधार पर मजदूरी का भुगतान किया जाए।
0- सभी मजदूरों को सीएमपीएफ के दायरे में रखा जाए।
0- प्रोडक्शन लिंक रिवार्ड/बोनस का भुगतान किया जाए।
0- विस्थापित किसानों के मुआवजा एवं रोजगार के प्रकरण का निपटारा तत्काल किया जाए।
0- भू-विस्थापित किसानों के योग्य बच्चों को सीएसआर फंड से प्रशिक्षण कराकर पीएससी व यूपीएससी की परीक्षा का अवसर प्रदान किया जाए।
0- 940/950 के आधार पर लाचार, बीमार मजदूरों को मेडिकल अनफिट कर उनके आश्रितों को रोजगार दिया जाए।
0- अस्पतालों में दवाई की कमी को दूर किया जाए।
0- मंत्रालय एवं कोल प्रबंधन के निर्देश पर वास कमेटी के गठन की प्रक्रिया बंद की जाए।
0- ड्यूटी से नागा करने के कारण बर्खास्त मजदूरों को एक अवसर प्रदान कर दोबारा रोजगार दिया जाए।
0- दुर्घटना में मारे जा रहे मजदूरों के आश्रितों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।
0- 24 घंटे में आश्रितों को रोजगार प्रदान करें।
0- माइनिंग सरदार, पैरामेडिकल स्टाफ एवं सभी विभागों के लिए सुपरवाईजर व कैटेगरी-एक मजदूरों की सीधी भर्ती की जाए।
0- उत्पादन एवं मुनाफा का लाभांश मजदूरों में भी बांटा जाए।
0- बगैर मजदूर प्रतिनिधियों से बात किए बिना खदानों को बंद करना बंद करें।
0- किसानों को लागत की दोगुनी कीमत एमएसपी के रूप में प्रदान करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाए।
0- एसईसीएल के कॉलोनी में व्याप्त धूल प्रदूषण, पर्याप्त पीने के शुद्ध पानी व बिजली की समस्या को दूर किया जाए।
0- एसईसीएल समस्त एईएमएम ऑपरेटरों के साथ हो रहे भेदभाव को तत्काल खत्म किया जाए।
0- सन् 2017 से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अधिकारियों की तरह ग्रेज्युटी की राशि 20 लाख रुपये भुगतान की जाए।
0- कोल इंडिया की सीधी भर्ती में विभागीय कर्मचारियों के बच्चों को प्राथमिकता दी जाए।
देशव्यापी हड़ताल के कारण उत्पादन पूर्णता बाधित रहने की वजह से दिन भर बेलगाम दौड़ने वाले कोल ट्रांसपोर्टरों के कोल परिवहन में लगे डंपर और ट्राला के पहिये थमे रहे।