रिजर्व बैंक ने स्वीकारा कि देश व प्रदेश कर्मचारियों के पैसे से चल रहा: विजय झा

रायपुर
भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बात की स्वीकारोक्ति की है कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने से देश की आर्थिक व्यवस्था चरमरा जाएगी। इसलिए राज्य सरकारें पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणाएं न करें। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने कहा है कि 1 नवंबर 2004 से लागू नवीन अंशदायी पेंशन योजना से देश व प्रदेश के शासकीय सेवकों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। ऐसी स्थिति में चुनाव पूर्व राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की है।

1 अप्रैल 2023 से छत्तीसगढ़ राज्य में भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा किया जाकर लागू भी किया गया है। किंतु यह घोषणा आधी अधूरी है। 2004 के बाद कर्मचारियों का अंशदान वापस नहीं लौटाया जा रहा है। दूसरी ओर राज्य सरकार ने अपने अंशदान को न केवल वापस लिया बल्कि कटौती बंद कर दी। इससे राज्य सरकार को आर्थिक लाभ हुआ है। कर्मचारियों को नहीं हुआ। ऐसी स्थिति में देश व प्रदेश के शासकीय सेवकों के खून पसीने की कमाई के डूबत खाते में जाने के संभावना बलवती होती है। अकेले छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय सेवकों का 17,240 करोड रुपए एनएसडीएल कंपनी में निवेश किया गया है। झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शासकीय सेवकों को भी उनके जीवन की गारंटी देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि 2004 के पूर्व लागू पुरानी पेंशन योजना तीनों राज्यों में लागू किया जाए। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने आधा अधूरा लागू कर कर्मचारियों के साथ में छल किया है। क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक इस बात को स्वीकार कर रहा है कि पुरानी पेंशन योजना लागू करने से देश की आर्थिक की स्थिति चरमरा जाएगी। इसका दूसरा पहलू यह है कि शासकीय सेवकों के जमा राशि से ही शासन प्रशासन चलाए जा रहे हैं। जो एक कल्याणकारी राज्य के लिए उचित नहीं है। साथ ही शासकीय सेवकों के साथ भी स्पष्ट धोखेबाजी का घोतक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button