एम्स भोपाल में राष्ट्रीय पैथोलॉजी एमबीबीएस क्विज़ प्रतियोगिता
भोपाल [जनकल्याण मेल] पैथोलॉजी और लैब मेडिसिन विभाग ने 30 नवंबर को इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट एंड माइक्रोबायोलॉजिस्ट (आईएपीएम) के तत्वावधान में नेशनल पैथोलॉजी एमबीबीएस क्विज का अंतिम ऑफ़लाइन दौर आयोजित किया। इसमें कुल 307 टीमों ने पंजीकरण कराया था, जबकि 218 टीमों ने ऑनलाइन स्क्रीनिंग राउंड में भाग लिया। टीमों को 4 (उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम) क्षेत्रों में वितरित किया गया था। प्रत्येक ज़ोन की शीर्ष दो विजेता टीमों ने अंतिम ऑफ़लाइन राउंड में भाग लिया। भाग लेने वाले कॉलेज थे: एमएएमसी, नई दिल्ली; एम्स बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश; कोप्पल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कोप्पल; जेएनएमसी बेलगावी, कर्नाटक; पं. जेएनएम मेडिकल कॉलेज, रायपुर, छत्तीसगढ़; बीजेएमसी अहमदाबाद; और गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल, म.प्र. क्विज़ का उद्घाटन डीन एकेडमिक्स, प्रो. रजनीश जोशी ने किया और प्रो. नीलकमल कपूर (पूर्व प्रमुख, पैथोलॉजी विभाग, एम्स भोपाल) की उपस्थिति ने इसकी शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर डॉ. ज्योति प्रियदर्शनी श्रीवास्तव, प्रो. पैथोलॉजी, जीआरएमसी, ग्वालियर उपस्थित थीं। IAPM द्वारा नामित पर्यवेक्षक ने अपना काम सतर्कता से किया। क्विज़, जिसमें कुल आठ राउंड शामिल थे, को दर्शकों और IAPM पर्यवेक्षक द्वारा खूब सराहा गया। इस राष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी के विजेताओं और प्रथम और द्वितीय उपविजेताओं को कार्यपालक निदेशक और सीईओ, एम्स भोपाल, प्रोफेसर अजय सिंह द्वारा ट्रॉफी और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। पं. के श्री राघव भाटिया एवं श्री मानस आनंद को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, बेलगावी, कर्नाटक; अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश से सुश्री सागरिका अग्रवाल और श्री सृजन सत्यम को दूसरा पुरस्कार; और तीसरा पुरस्कार गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल, मध्य प्रदेश के श्री मोहम्मद शहरोज़ हसन और श्री मनुज चतुर्वेदी की टीम को प्रदान किया गया।
यह राष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी प्रोफेसर वैशाली वाल्के, एचओडी पैथोलॉजी, एम्स भोपाल के मुख्य समन्वयक और आईएपीएम के अध्यक्ष डॉ. शारदा राणे और आईएपीएम के सचिव डॉ. रंजन अग्रवाल के समन्वय में आयोजित की गई थी। आयोजन का सफल क्रियान्वयन आयोजन टीम के पूरे दिल से सहयोग और समर्थन से संभव हुआ, जिसमें पैथोलॉजी और लैब मेडिसिन के संकाय सदस्यों, निवासियों और कर्मचारियों के साथ-साथ क्विज़ मास्टर्स डॉ. श्रमण मुखोपाध्याय (अपर प्रोफेसर) और डॉ. शक्ति कुमार यादव (सहायक प्रोफेसर)के अथक प्रयास भी शामिल थे।