वास्तु के अनुसार होली से पहले घर ले आएं ये सामान, पूरे साल बनी रहेगी खुशहाली

होली से पहले का समय शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि के रूप में गिना जाता है। होली को सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि एक दूसरे के प्रति प्यार और समर्थन का प्रतीक भी माना जाता है। रंगों का खेल न केवल आनंद का बल्कि यह बताता है कि हम रंग-बिरंगे व्यक्तित्वों के बावजूद एक-दूसरे के साथ मिलकर आनंदित हो सकते हैं। यह विशेष रूप से सामाजिक समरसता और भावनात्मक समर्पण का भी प्रतीक है। समाज में कई बार छोटे-बड़े मतभेद होते हैं लेकिन होली इन सभी को खत्म करने और एक नया आरंभ करने का दिन है।

होली हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस साल होलिका दहन 13 मार्च, गुरुवार को है और 14 मार्च, शुक्रवार को रंगों का पर्व मनाया जाएगा। इस पर्व का न केवल धार्मिक महत्व है बल्कि वास्तु शास्त्र में भी इसे बेहद खास माना गया है। होलिका दहन से पूर्व कुछ खास सामान को घर लेकर आया जाए तो पूरा साल घर में खुशहाली बनी रहती है।

बांस का पौधा
बांस के पौधों को धन के आकर्षण के लिए उपयोग किया जाता है। घर में इनकी उपस्थिति से वित्तीय स्थिरता बढ़ती है। यह पौधा धन की ऊर्जा को आकर्षित करता है और आर्थिक चुनौतियों को कम करता है। बांस का पौधा घर को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी दृष्टि से भी सुरक्षा प्रदान करता है। इसे घर के दरवाजे या खिड़कियों के पास रखने से सुरक्षात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

तोरण
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तोरण घर के प्रवेश द्वार को संरक्षित करता है। यह दरवाजे के माध्यम से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा को रोकता है और सुरक्षा प्रदान करता है। तोरण के माध्यम से घर में सकारात्मकता और शुभता का संचार होता है। यह घर में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा को अवरुद्ध करता है और एक सुरक्षित वातावरण बनाता है।

चांदी का सिक्का
चांदी के सिक्कों की पूजा करने से धन लाभ के योग बनते हैं और घर में कभी किसी चीज का अभाव नहीं रहता है। लाल कपड़े में पान का पत्ता और चांदी के सिक्के को लपेट कर उस पोटली को घर की तिजोरी में रख दें।

कछुआ
कछुए को घर में रखने से कामयाबी के साथ-साथ धन-दौलत का भी समावेश होता है। इसे अपने ऑफिस या घर की उत्तर दिशा में रखें क्योंकि शास्त्रों में उत्तर दिशा को धन की दिशा माना गया है। घर के सदस्यों की अच्छी सेहत और लंबी उम्र के लिए स्फटिक का बना कछुआ पूर्व दिशा में रखें।

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