अशांत बलूचिस्तान के हरनाई इलाके में कोयला खदान श्रमिकों को ले जा रहे एक ट्रक में विस्फोट, 10 लोगों की मौत

इस्लामाबाद
अशांत बलूचिस्तान के हरनाई इलाके में शुक्रवार को कोयला खदान श्रमिकों को ले जा रहे एक ट्रक में विस्फोट होने से कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। रिपोर्ट के मुताबिक हरनाई के डिप्टी कमिश्नर हजरत वली काकर के अनुसार, यह विस्फोट हरनाई के शाहराग जिले में कोयला खदान क्षेत्र 'पीएमडीसी 94' में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) से हुआ।

बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद के एक बयान के अनुसार, घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। बयान के मुताबिक सबूत इक्ट्ठा किए जा रहे हैं और शुरुआती जांच से पता चलता है कि विस्फोटक सामग्री सड़क किनारे रखी गई थी। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने घटना की निंदा की और लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने निर्देश दिया कि घायल श्रमिकों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा, "निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने वाले आतंकवादी किसी भी तरह की माफी के हकदार नहीं हैं और बलूचिस्तान की शांति को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।" बुगती ने कहा कि शांति के दुश्मनों के इरादों को किसी भी हालत में सफल नहीं होने दिया जाएगा। इस घटना में शामिल आतंकवादियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।

बुगती ने कहा कि बलूचिस्तान सरकार लोगों की जान-माल की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठा रही है। बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है। इसे भू-आर्थिक और भू-रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जाता है फिर भी यह अशांत रहता है। पिछले दिनों बलूचिस्तान के कलात जिले में स्थित मंगोचर शहर में एक ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के फ्रंटियर कोर (एफसी) के कम से कम 18 सैनिकों की मौत हो गई। पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, "31 जनवरी/1 फरवरी की रात को आतंकवादियों ने बलूचिस्तान के कलात जिले के मनोचर में सड़क ब्लॉक करने की कोशिश की।" बयान के मुताबिक, "सुरक्षा बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को तत्काल सक्रिय किया गया, जिन्होंने सफलतापूर्वक इस नापाक इरादे को नाकाम कर दिया और 12 आतंकवादियों को मार गिराया, जिससे स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।" बयान में कहा गया कि अभियान के दौरान 18 सैनिक भी मारे गए।

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