मध्य प्रदेश में सबसे पहला ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर छतरपुर जिले में शुरू होगा, संचालन तपस्या साई बाबा जन कल्याण शिक्षा प्रसाद समिति करेगी
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छतरपुर
छतरपुर में शुरू होगा मध्य प्रदेश का पहला ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर, जानें विशेषताएं। मध्य प्रदेश में सबसे पहला ड्राइविंग सेंटर छतरपुर जिले में शुरू होगा। इस माह सेंट्रल इंस्टिट्यूट आफ रोड, ट्रासपोर्ट (सीआईआरटी)पुणे से तकनीकी, फाइनेंस, सुपरविजन की तीन अलग-अलग टीम सेंटर की जांच करने आएंगी।
सेंटर से मिलेगा प्रमाण पत्र
सीआईआरटी से हरी झंडी मिलने के बाद परिवहन विभाग की देखरेख में तपस्या साई बाबा जन कल्याण शिक्षा प्रसाद समिति ट्रेनिंग सेंटर का संचालन शुरू करेगी। इसके बाद से सेंटर से प्रमाण पत्र के अधार पर आरटीओ की ओर से परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया बेहतर होगी
इस नई व्यवस्था से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया और बेहतर व पारदर्शी होगी। समिति के संचालक डॉ. आरके चतुर्वेदी ने बताया कि छतरपुर में सेंटर का काम पूरा हो चुका है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप(पीपीपी)मोड पर छतरपुर में रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर(आरडीटीसी)बनकर तैयार है।
सड़क हादसों को कम करना है उद्देश
इसमें साढ़े पांच एकड़ जमीन व छह करोड़ रुपये से अधिक खर्चा आया है। केंद्र सरकार के सहयोग से सड़क हादसों को कम करने के उद्देश्य से सेंटर शुरू किए जा रहे हैं। जिससे कुशल ट्रेनिंग लेने वालों के ही ड्राइविंग लाइसेंस बन सकें। संचालन शुरू करने के लिए पुणे से सीआईआरटी की अनुमति मिलनी है। संभवत: दो महीने में सेंटर का संचालन शुरू होने की उम्मीद हैं।
भोपाल में 60 प्रतिशत काम पूरा
भोपाल में भी रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर(आरडीटीसी)का निर्माण हो रहा है। बंगरसिया में साढ़े पांच एकड़ जमीन में सेंटर बन रहा है। इसके लिए शासन से 5.5 करोड़ और 92 लाख संबंधित एजेंसी पैसा लगा रही है। इस वर्ष में भोपाल का सेंटर भी शुरू हो सकता है। इसके अलावा बैतूल में भी आरडीटीसी का काम शुरू होना है।
तीन जिलों में बनेंगे डीटीसी
उज्जैन सिंहस्थ में भीड़ प्रबंधन के लिए रेलवे के तीन से चार सैटेलाइट स्टेशन बनाए जाएंगे, स्पेशल ट्रेनें भी चलेंगीउज्जैन सिंहस्थ में भीड़ प्रबंधन के लिए रेलवे के तीन से चार सैटेलाइट स्टेशन बनाए जाएंगे, स्पेशल ट्रेनें भी चलेंगी
मध्य प्रदेश के तीन जिलों में डिस्ट्रिक्ट ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर(डीडीटीसी)बनेंगे। इनमें सतना, दमोह, सिंगरौली को शामिल किया गया। पन्ना में भी डीटीसी बनना है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह व्यवस्था सफल होने पर प्रदेश के सभी जिलों में भविष्य में आरडीटीसी व डीडीटीसी शुरू होंगे।
फिर क्षेत्रीय व जिला परिवहन अधिकारी सेंटरों से मिलने वाले ट्रेनिंग प्रमाण पत्रों के आधार पर परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया करेंगे।
भोपाल, इंदौर, बैतूल में खुलेगा ड्राइविंग स्कूल
बता दें कि ये ड्राइविंग स्कूल मध्य प्रदेश के छतरपुर, भोपाल, इंदौर, बैतूल, सिंगरौली में खोला जा रहा है। छतरपुर प्रदेश का पहला ड्राइविंग स्कूल होगा। जहां पर अभी तक 35 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। एक-एक करके प्रदेश के हर जिले में ड्राइविंग स्कूल बनाने की तैयारी की जा रही है। जिसकी जिम्मेदारी निजी एजेंसियां को सौंपी गई है। प्रशासन की इस नई व्यवस्था से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में पारदर्शित आएगी।
5.5 एकड़ जमीन पर बनेगा ड्राइविंग स्कूल
जिला स्तर पर 3.5 एकड़ जमीन और संभागीय स्तर पर 5.5 एकड़ जमीन पर ड्राइविंग स्कूल बनाए जाने के कार्ययोजना है। इसमें ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनेगा। इसमें सीसीटीवी लगाए जाएंगे। एक यार्ड में आधुनिक मशीनें भी लगेंगे। साथ ही वाहनों की पार्किंग की सुविधा सहित बैठने व पीने के पानी की व्यवस्था होगी। नियमों के दिशा-निर्देश भी अंकित किए जाएंगे। इसमें मोटर सइकिल, मोपैड, भारी वाहन, व्यवसायिक वाहन भी रहेंगे। इन वाहनों से लोगों का टेस्ट लिया जाएगा।
यहां खुलेगा ड्राइविंग सेंटर
मध्यप्रदेश में मैसर्स वक्रतुंड क्रियेटिव सोशल वेलफेयर सोसायटी छतरपुर, तपस्या साईं बाबा जन कल्याण शिक्षा प्रसार समिति भोपाल, बैतूल मल्टी ट्रेड कंपनी बैतूल को 3 रीजनल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (आरडीटीसी) खोलने की मंजूरी दी गई है. साथ ही 3 ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (डीटीसी) सार्थक वेलफेयर सोसायटी सतना, आर्यन मोटर्स सिंगरौली, मालवा ड्राइविंग सेंटर धार में खोले जाएंगे।