ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सेमीकंडक्टर-मैन्यूफैक्चरिंग रहेगा निवेशकों का प्रमुख आकर्षण : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 में सेमीकंडक्टर एक महत्वपूर्ण सेक्टर रहेगा। इसकी महत्वता को देखते हुए राज्य मंत्रि-परिषद ने "मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर पॉलिसी-2025" को मंजूरी दी है। इस नीति के लागू होने से सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के क्षेत्र में प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश की संभावनाएं बढ़ गई हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शामिल होने वाले निवेशकों के बीच इस सेक्टर को लेकर उत्साह और रुचि देखी जा रही है, जिससे राज्य में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस पॉलिसी से राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंड्क्टर विनिर्माण केन्द्र के रूप में विकसित एक स्थायी ईको-सिस्टम स्थापित किया जा सकेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विजन भारत को सेमीकंडक्टर डिज़ाइन निर्माण और तकनीकी विकास के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिये प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री का मानना है कि भारत का सेमीकंडक्टर क्षेत्र एक क्रांति की कगार पर है। उनका लक्ष्य है कि इलेक्ट्रॉनिक और सेमीकंडक्टर्स का शत-प्रतिशत निर्माण भारत में ही किया जाये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वास जताया कि सेमीकंडक्टर पॉलिसी से प्रधानमंत्री श्री मोदी के लक्ष्य की प्राप्ति में मध्यप्रदेश महत्वपूर्ण योगदान दे सकेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि यह पालिसी राज्य को सेमीकंडक्टर विनिर्माण के क्षेत्र में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जो घरेलू और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में मदद करेगी और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में नेतृत्व करने के अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रावधान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि सेमीकंडक्टर पॉलिसी के अंतर्गत निवेशकों के लिए पूंजी निवेश अनुदान (कुल निवेश का 25% अथवा भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई सब्सिडी का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो) दिया जाएगा। राज्य सरकार गैर-सरकारी अनुमोदित परियोजनाओं के लिए कंपनियों को 40 प्रतिशत (अधिकतम 150 करोड़ रुपए) तक पूंजी निवेश अनुदान देगी। यह अनुदान ब्याज 6 प्रतिशत अथवा लागू ब्याज दर (जो भी कम हो) इकाई स्थापना के बाद 5 वर्षों तक (अधिकतम 10 करोड़ रुपए) दिया जाएगा। सेमीकंडक्टर पॉलिसी के अंतर्गत कंपनियों को रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, पहले 10 वर्षों के लिए 2 रुपए प्रति यूनिट बिजली टैरिफ सब्सिडी भी दी जाएगी। इससे संचालन लागत कम होगी और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। पॉलिसी में 400 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं के लिए इन्फ्रास्ट्रक्टर के लिए सहयोग, कर में छूट और कुछ अतिरिक्त वित्तीय सहायताएं भी दी जाएंगीं।

पांच वर्षों में 2700 करोड़ रुपए का निवेश और 14,400 रोजगार
सेमीकंडक्टर पॉलिसी से प्रदेश में अगले पांच वर्षों में 2700 करोड़ रुपए का निवेश आने की आशा है। इससे 3,782 करोड़ रुपए निर्यात और 1,702 करोड़ रुपए स्टेट जीएसटी राजस्व से प्राप्त होंगे। साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार सृजन होगा।

पॉलिसी में पीपीपी मोड को बढ़ावा
मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर पॉलिसी-2025 में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग बढ़ेगा, साथ ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इसके फलस्वरूप वैश्विक विशेषज्ञता और तकनीक को मध्यप्रदेश में लाया जा सकेगा।

निवेशकों को अनुसंधान और विकास के लिए प्रोत्साहन फंड
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि सेमी कंडक्टर पॉलिसी में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में निवेश करने वाली कंपनियों को अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) और तकनीकी नवाचार में निवेश के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। सेमीकंडक्टर तकनीक में अनुसंधान के लिए विशेष फंड के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार पॉलिसी में नई परियोजनाओं के लिए अनुमोदन प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने के लिए सरलीकृत नियामक तंत्र का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार, प्रावधान प्रक्रिया में विलंब को न्यूनतम करने और कंपनियों को इकाई स्थापना एवं विस्तार में सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

 

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