शासकीय कन्या महाविद्यालय, सिवनी मालवा में राष्ट्रीय पक्षी दिवस पर कार्यक्रम का सफल आयोजन

सिवनी मालवा
शासकीय कन्या महाविद्यालय सिवनी मालवा में, प्राणी विभाग, वनस्पति विभाग एवं राष्ट्रीय हरित कोर योजना के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय पक्षी दिवस पर कार्यशाला एवं प्रकृति भ्रमण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य पक्षियों के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति जागरूकता फैलाना था। कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. उमेश कुमार धुर्वे की अध्यक्षता में किया गया। इस दौरान"एवियन की सुंदरता और विविधता" विषय पर एक विशेष ऑनलाइन फोटोग्राफी एवं लघु वीडियो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पक्षियों की सुंदरता, विविधता और उनके संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. उमेश कुमार धुर्वे ने कहा कि पक्षी पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका संरक्षण केवल हमारी नैतिक जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने का अनिवार्य हिस्सा है। उन्होंने छात्राओं को पक्षियों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित रखने और उनके जीवन चक्र को समझने की प्रेरणा दी।
डॉ. सतीश बालापुर (इको क्लब प्रभारी) ने कहा कि पक्षियों की घटती संख्या एक गंभीर चिंता का विषय है। हमें पक्षियों के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने छात्राओं को पक्षियों के लिए पानी के पात्र रखने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पेड़ों को न काटने की अपील की।
रजनीकांत वर्मा वनस्पति शास्त्र विभाग ने कहा कि पक्षियों और पौधों का गहरा संबंध है। पक्षी परागण और बीज वितरण में सहायक होते हैं, जिससे जैव विविधता बनी रहती है। उन्होंने छात्राओं को पक्षियों के प्राकृतिक भोजन चक्र को समझने और उनके आवास को संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ धर्मेंद्र सिंह गुर्जर ने विलुप्त हो रही पक्षियों की प्रजातियों एवं पक्षियों के माइग्रेशन के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की।
कार्यशाला में छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और पक्षी संरक्षण से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। अंत में,आकांक्षा पांडे ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों को निरंतर आयोजित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दौरान महाविद्यालय इको क्लब इकाई की छात्राएं, श्रीमती काजल रतन कार्यक्रम अधिकारी (राष्ट्रीय सेवा योजना) डॉ राकेश नीरापुरे, डॉ गजेंद्र वाईकर, प्रवीण साहू, डॉ पदम शर्मा, डॉ मनीष दीक्षित एवं समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे।

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