बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के मुद्दे पर मुसलमानों ने उठाई आवाज, बुलाई आपात बैठक, दी बड़ी चेतावनी

मुंबई
बांग्लादेश इन दिनों हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर सुर्खियों में है और इस्लामी कट्टरपंथी लगातार अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहें। ऐसा शायद ही कोई दिन बीत रहा है जब वहां से हिंदुओं पर हमले और मंदिरों को तोड़े जाने की खबरें न आ रही हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही ज्यादती पर भारत के मुस्लिम उलेमाओं ने अपने गुस्से का इजहार किया है। मुंबई की हांडी वाली मस्जिद में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के मुद्दे पर आल इंडिया सुन्नी जमीयत उल्मा, रजा अकादमी और जमीयत उल्मा ए अहले सुन्नत ने संयुक्त रूप से उलेमाओं की आपात बैठक बुलाई, जिसमें स्थानीय उलेमा और शेखों ने हिस्सा लिया।

‘हम सड़कों पर उतरने के लिए तैयार’
बैठक की अध्यक्षता करते हुए रजा अकादमी के संस्थापक और प्रमुख हाजी मुहम्मद सईद नूरी ने कहा, ‘अत्याचार और ज़्यादती किसी भी देश में हो, वह न केवल दुखद, बल्कि निंदनीय है। अब जबकि बंग्लादेश, जो एक मुस्लिम बहुसंख्यक देश है, में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, यह किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। यह न केवल इस्लामी शिक्षाओं के खिलाफ है, बल्कि मानवाधिकारों का भी उल्लंघन है। बंग्लादेश सरकार को अपने देश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों को तुरंत रोकने और उनके मंदिरों की सुरक्षा के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता, तो भारत के उलेमा ए सुन्नत बंग्लादेश के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं।’

हाजी नूरी ने बांग्लादेश को दी चेतावनी
रजा अकादमी के संस्थापक ने आगे कहा, ‘शेख हसीना के शासन में जो अशांति फैली, उसमें बंगाली मुस्लिम युवाओं को मंदिरों की सुरक्षा करते देखा गया था। अब ऐसा क्या हुआ कि वहां अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं?’ उन्होंने अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूसुफ से अपील की कि वह दंगाइयों पर कड़ी नजर रखें और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय करें। हाजी नूरी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बंग्लादेश सरकार ने इस पर कार्रवाई नहीं की, तो रजा अकादमी और अन्य संगठनों के सहयोग से भारतभर में बंग्लादेश के खिलाफ कड़ा विरोध प्रदर्शन होगा।

‘बंग्लादेश की छवि पर असर पड़ेगा’
बैठक में शामिल शहज़ादा शेर मिल्लत मौलाना इज्ज़ाज़ अहमद कश्मीरी ने कहा, ‘अगर बंग्लादेश में उत्पन्न हालात को जल्दी नहीं रोका गया, तो इसके कारण दुनिया भर में बंग्लादेश की छवि पर असर पड़ेगा और वह कई समस्याओं में उलझ जाएगा। मुहम्मद यूसुफ को चाहिए कि वह हिंदुओं पर हो रहे हमलों को तुरंत रोकें और जिन संगठनों का इसमें हाथ हो, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें, ताकि अल्पसंख्यक समुदाय अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सके। हम हर हाल में बंग्लादेशी अल्पसंख्यकों के साथ खड़े हैं। यदि हमले नहीं रुकते, तो हम दिल्ली में बंग्लादेशी दूतावास का घेराव करेंगे।’

‘अत्याचार किसी भी रूप में अस्वीकार्य है’
मौलाना खलीलुर्रहमान नूरी ने कहा, ‘अत्याचार किसी भी रूप में अस्वीकार्य है, चाहे वह हमारे देश में हो, बंग्लादेश में हो या फिलिस्तीन में। हम हमेशा ज़ुल्म के खिलाफ और पीड़ितों के साथ खड़े रहेंगे। यह इस्लाम का सशक्त संदेश है, जिस पर अमल करके हम पीड़ितों की मदद कर सकते हैं।’ मौलाना अमानुल्ला रजा ने भारत सरकार से अपील की कि हिंदुओं पर हमले की घटनाओं की जांच कराए, ताकि वहां के हालात का फायदा हमारे देश के शरपसंद तत्व न उठा सकें। उन्होंने कहा, ‘भारत के सभी मुसलमान बंग्लादेशी अल्पसंख्यकों के साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे।’

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button