मप्र के शासकीय सेवकों से दो हजार करोड़ रुपए की वसूली के प्रकरण न्यायालय में

भोपाल

मप्र के सेवानिवृत्त और कार्यरत शासकीय सेवकों के वेतन निर्धारण में हुई त्रुटि के फलस्वरूप लगभग 6000 से भी अधिक लोगों के वेतन से अब तक दो हजार करोड़ रुपए की वसूली के आदेश हो चुके हैं । इस आदेश के विरुद्ध माननीय न्यायालय में लगभग 5000 शासकीय सेवकों ने मुकदमे दायर कर रखे हैं। यह अत्यंत गंभीर मुद्दा है। किन्तु इसका हल अभी तक नहीं निकला है।

इसी गम्भीर मुद्दे पर डा अजित बाबू जैन की बहुचर्चित पुस्तक पूजा ला हाउस इन्दौर से प्रकाशित हुई हुई थी जिसका नाम है – मप्र वेतन निर्धारण नियम 2025 । इस पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम दिनांक 4 दिसम्बर को भोपाल में आयोजित हुआ था। इस पुस्तक में वेतन निर्धारण की हर समस्या का समाधान मिल रहा है जिससे गलत वेतन निर्धारण होने की सम्भावना ही नहीं रह जाती है।

इसके अलावा भी पुस्तक लेखक डॉ अजित बाबू जैन प्रयास कर रहे हैं कि भविष्य में किसी भी शासकीय सेवक के वेतन से वसूली न हो और शासन को भी अधिक भुगतान के कारण होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।इसके लिए उन्होंने सम्पूर्ण मप्र के शासकीय कार्यालयों मैं पदस्थ जिम्मेदार कर्मचारियों अधिकारियों को प्रशिक्षित करने संकल्प लिया है।

इसी संकल्प के तहत उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्होंने उज्जैन सम्भाग का चयन किया है। उज्जैन सम्भाग के अन्तर्गत आने वाले सभी जिला कार्यालयो के कर्मचारियों अधिकारियों को डॉ अजित बाबू जैन दिनांक 18 , 19 और 20 दिसम्बर को पी टी एस उज्जैन में प्रति दिन 11 से 5 बजे तक प्रशिक्षण देंगे।
उज्जैन के पश्चात मप्र के सभी सम्भागो में प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना बनाई गई है। डॉ अजित बाबू जैन का यह कार्यक्रम निश्चित रूप से लोकहित और शासनहित की भावना प्रदर्शित करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button