छात्रों और स्वास्थ्य सेवाओं के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें: उप मुख्यमंत्री शुक्ल
छात्रों और स्वास्थ्य सेवाओं के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें: उप मुख्यमंत्री शुक्ल
मध्यप्रदेश फार्मेसी, पैरामेडिकल और नर्सिंग काउंसिल की हुई समीक्षा
मान्यता और परीक्षाओं के संचालन की कार्यवाही शीघ्रता से पूर्ण करें : उप मुख्यमंत्री शुक्ल
प्रक्रिया में तेजी लाने और पारदर्शिता के लिये टेक्नोलॉजी का करें प्रयोग: उप मुख्यमंत्री शुक्ल
भोपाल
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्रालय में मध्यप्रदेश फार्मेसी, पैरामेडिकल और नर्सिंग काउंसिल की समीक्षा की। उन्होंने लंबित मामलों के शीघ्र निराकरण, परिषदों की कार्यप्रणाली में सुधार की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों पर विस्तार से चर्चा की। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी प्रक्रियाएं पारदर्शिता और गति के साथ पूरी हों, जिससे छात्रों और स्वास्थ्य सेवाओं के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा सके। प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये टेक्नोलॉजी का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए पारदर्शिता, गति और जवाबदेही को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। बैठक में परिषदों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
सुटेबल कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया के लिए 15 दिसंबर तक पूर्ण करें कार्रवाई
नर्सिंग काउंसिल की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 468 आवेदक संस्थानों में से 202 मापदण्डों अनुसार सुटेबल हैं जांच पूरी हो चुकी है, जबकि 97 संस्थान डेफिशिएंट हैं। मानकों की कमी के कारण प्रक्रिया लंबित है। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लंबित संस्थानों की समीक्षा शीघ्र पूरी की जाए। मापदंडों अनुसार सुटेबल पाए गये कॉलेज में नर्सिंग छात्रों की भर्ती प्रक्रिया के लिए आवश्यक कार्रवाई 15 दिसंबर तक पूर्ण करें। उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अस्पतालों में बेड आवंटन और मान्यता प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने के लिए अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने मंत्रालय वल्लभ भवन में नर्सिंग कोर्स के विद्यार्थियों की परीक्षाओं के संचालन कैलेंडर की वृहद् समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि सरकार छात्रों के भविष्य के प्रति संवेदनशील है। उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश से छूट मिलने के बाद उप मुख्यमंत्री शुक्ल के निर्देशानुसार नर्सिंग के विभिन्न कोर्स के छात्रों की परीक्षाओं के संचालन का कैलेंडर तैयार किया गया है और परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। इससे नर्सिंग के विभिन्न कोर्सेज के 90 हज़ार विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।
नर्सिंग के विभिन्न कोर्सेज के 47 हज़ार से अधिक अभ्यर्थियों की परीक्षाएँ हो चुकी हैं आयोजित
उप मुख्यमंत्री शुक्ल के निर्देशानुसार मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल द्वारा विभिन्न नर्सिंग पाठ्यक्रमों की लंबित परीक्षाएँ आयोजित की गयी हैं। जिनमें 47 हज़ार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए हैं। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने निर्देश दिए हैं कि शेष लंबित परीक्षाओं को शीघ्र आयोजित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता बनी रहे, ताकि छात्रों का शैक्षणिक कैलेंडर बाधित न हो।
मई 2024 में बी.एससी. नर्सिंग प्रथम वर्ष (शैक्षणिक सत्र 2020-21) की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 15,787 छात्र सम्मिलित हुए। इसी अवधि में पी.बी.बी.एससी. नर्सिंग प्रथम वर्ष (2020-21 सत्र) की परीक्षा भी आयोजित की गई थी, जिसमें 4,601 छात्र परीक्षा में सम्मिलित हुए। इसके अतिरिक्त, एम.एससी. नर्सिंग प्रथम वर्ष (2020-21 सत्र) की परीक्षा में 1,612 छात्रों ने भाग लिया। इसी तरह बी.एससी. नर्सिंग तृतीय वर्ष (2019-20 सत्र) की परीक्षा भी मई 2024 में संपन्न हुई, जिसमें 8,793 छात्रों ने परीक्षा दी।
सितंबर 2024 में बी.एससी. नर्सिंग प्रथम वर्ष (2021-22 सत्र) की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 13,106 छात्रों ने भाग लिया। इसी सत्र की पी.बी.बी.एससी. नर्सिंग प्रथम वर्ष की परीक्षा में 2,980 छात्र शामिल हुए। एम.एससी. नर्सिंग प्रथम वर्ष (2021-22 सत्र) की परीक्षा भी सितंबर 2024 में आयोजित की गई, जिसमें 1,066 छात्रों ने परीक्षा दी।
सत्यापन प्रक्रिया के समयबद्ध निराकरण में शिक्षण संस्थानों की जवाबदेही करें सुनिश्चित
फार्मेसी काउंसिल की समीक्षा में बताया गया कि राज्य में वर्तमान में 327 संस्थान फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) से मान्यता प्राप्त हैं। प्रतिवर्ष लगभग 25,000 फार्मासिस्ट (डिप्लोमा और डिग्री) का पंजीकरण किया जाता है। काउंसिल के कार्यों में नए पंजीकरण, पंजीकरण का नवीनीकरण, डुप्लीकेट पंजीकरण जारी करना, अन्य राज्यों में कार्य के लिए एनओसी जारी करना और फार्मासिस्ट डेटा प्रबंधन शामिल हैं। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने लंबित पंजीकरणों की स्थिति की समीक्षा की और सत्यापन प्रक्रिया को तेज करने के लिए ऑनलाइन प्रणाली को सशक्त बनाने के निर्देश दिये। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सत्यापन कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और व्यक्तिगत हस्तक्षेप को कम करते हुए पूरी प्रक्रिया को डिजिटल किया जाए। साथ ही सत्यापन प्रक्रिया समयबद्ध रूप से पूर्ण हो इसके लिए शिक्षण संस्थानों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने निर्देश दिये।
पैरामेडिकल काउंसिल की समीक्षा में परीक्षा परिणाम और मान्यता संबंधित प्रक्रियाओं को समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि किसी भी प्रकार की देरी छात्रों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, इसलिए इन प्रक्रियाओं को शीघ्र और प्रभावी रूप से पूरा किया जाए।