गाजा में इजरायल का कहर 24 घंटे में 64 की मौत, मलबे में दफन जिंदा लोग

गाजा

इजरायली सेना इस वक्त कई मोर्चों पर जंग लड़ रही है. गाजा में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह और यमन में हूती विद्रोहियों के साथ भीषण जंग जारी है. हर जगह आईडीएफ कहर बरपा रही है. शनिवार को यमन में जबरदस्त हवाई हमले के बाद इजरायल ने गाजा में एक बार फिर कहर बरपाया है. यहां हुए हवाई हमलों में पिछले 24 घंटे के अंदर 64 लोग मारे गए हैं, जबकि 105 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं.

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि पिछले 24 घंटों के दौरान इजरायली सेना ने अपने हमले तेज कर दिए हैं. हर तरफ अफरा-तफरी मची हुई है. कई पीड़ित जिंदा मलबे के नीचे दबे हुए हैं. लोगों के शव सड़कों पर हैं. लेकिन भीषण हवाई हमलों की वजह से नागरिक सुरक्षा दल उन तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. इजरायल का कहना है कि हमास के लड़ाके लोगों की आड़ में रिहायशी इलाकों में छिपकर हमले कर रहे हैं.

आईडीएफ ने अपने एक बयान में कहा है कि UNRWA मुख्यालय में खुफिया जानकारी के आधार पर तलाशी ली गई. यहां से सेना के जवानों ने भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद, हमास के नौसैनिक कमांडो के उपकरण, सैन्य जैकेट, राइफलें और खुफिया सामग्री बरामद की है. पिछले सप्ताह में 150 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया है और लगभग 100 से अधिक आतंकवादी बुनियादी ढांचे नष्ट कर दिए गए हैं.

उधर, इजरायल ने पहली बार यमन में बड़ा हमला किया है. शुक्रवार को तेल अवीव पर हुए ड्रोन हमले के जवाब में शनिवार को इजरायली सेना ने हूती विद्रोहियों को ठिकाने को निशाना बनाया. इजरायल ने होदैदा पोर्ट और पावर स्टेशन पर हवाई हमला किया. इसके बाद होदैदा पोर्ट पर भीषण आग लग गई. इसके जवाब में हूती विद्रोहियों ने भी इजरायल पर मिसालइ दागे, लेकिन आईडीएफ ने उन्हें हवा में ही मार गिराया.

इजरायल डिफेंस फोर्सेस के इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 87 लोग घायल हुए हैं. इस हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेन्ताहू ने चेतावनी दी है कि जो भी उन्हें नुकसान पहुंचाएगा उसका अंजाम गाज़ा और लेबनान जैसा ही होगा. नेतन्याहू ने कहा, ''युद्ध की शुरुआत से ही मैंने यह स्पष्ट कर दिया था कि हमें नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा.''

इधर, फिलिस्तीन के हथियारबंद संगठन हमास की कैद से इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए भारी विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है. शनिवार को एक बार फिर तेल अवीव की सड़कों पर हजारों लोग उतर आए और बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल की सरकार से हमास से समझौते की मांग की है. लोगों को डर है कि यदि गाजा में युद्ध लंबा खींचता है तो वहां ज्यादा बंधक मारे जाएंगे.

इस प्रदर्शन में शामिल कुछ लोगों ने अपनी ही सरकार पर फिलिस्तीनियों के नरंसहार के भी आरोप लगाए. इसके साथ ही गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाई की तुलना होलोकास्ट से की है. तेल अवीव में लंबे समय से हर शनिवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी पूरी सरकार से इस्तीफा भी मांगा है. उनका कहना है कि नेतन्याहू सरकार विफल रही है.

प्रदर्शनकारियों का दावा है कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी सरकार बंधकों को छुड़ाने और देश को चलाने में पूरी तरह से असमर्थ है. ऐसे में नेतन्याहू को तुरंत इस्तीफा देकर देश में आम चुनाव कराना चाहिए. पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला कर 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया था, करीब आधे बंधकों को हमास अब तक छोड़ चुका है. अभी भी 116 इजरायली बंधक हैं.
 

 

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