भारतीय जनता पार्टी में अब सबकी निगाहें मध्य प्रदेश में होने वाले दूसरे उपचुनाव पर टिकी हुई हैं

भोपाल

मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव और अमरवाड़ा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है. अब सबकी निगाहें मध्य प्रदेश में होने वाले दूसरे उपचुनाव पर टिकी हुई हैं. दरअसल इस उपचुनाव में मध्य प्रदेश की 3 विधानसभा सीटो पर चुनाव हो सकता है. जिनमें शिवराज सिंह चौहान की पारंपरिक सीट बुधनी, श्योपुर जिले की विजयपुर और बीना विधानसभा सीट शामिल हैं. इन सीटों पर बीजेपी के लिए मुकाबला कड़ा हो सकता है. आइये जानते हैं.

अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर भले ही बीजेपी चुनाव जीतने में सफल हो गई हो. पर ये चुनाव बीजेपी के लिए कतई आसान नहीं रहा है. बीजेपी प्रत्याशी कमलेश शाह यह चुनाव महज 3 हजार वोटों से ही जीत पाए हैं. यही कारण है कि अब कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले नेताओं की धड़कनें बढ़ गई हैं. क्योंकि अगर ऐसा ही परिणाम रहा तो उपचुनाव का पलड़ा किसी भी पाले में जा सकता है.

क्या है विजयपुर का चुनावी मूड?

कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए रामनिवास रावत को मोहन सरकार ने कैबिनेट मंत्री बनाया है. उनके इस्तीफे के बाद यह भी तय है पार्टी उन्हें ही इस सीट से चुनाव लड़वाएगी. हालांकि, चुनाव आयोग की तरफ से तारीख का ऐलान अभी नहीं किया गया है. उपचुनाव में बीजेपी के कमलेश शाह से मिली हार के बाद कांग्रेस ने अब श्योपुर जिले के विजयपुर सीट के उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. यहां तक की विजयपुर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बैठक भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने की है. फिलहाल कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी डिसाइड नहीं हुआ है. देखना होगा कि कांग्रेस किसे अपना प्रत्याशी घोषित करती है.

पार्टी किसी पुराने और जमीनी कार्यकर्ता को यहां से मैदान में उतारती है तो रामनिवास रावत के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. फिलहाल यहां से कांग्रेस के ही दो पूर्व विधायक टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. अब देखना होगा पार्टी किसे चुनावी मैदान में उतारती है.

बुधनी में कार्तिकेय या फिर कोई और?

शिवराज सिंह चौहान के केंद्र में मंत्री बनने के बाद रिक्त हुई बुधनी विधानसभा सीट पर दो नाम प्रमुख रूप से चल रहे हैं. इनमें सबसे पहला नाम शिवराज के बेटे कार्तिकेय का है. तो वहीं दूसरा नाम विदिशा से पूर्व सांसस रमाकांत भार्गव का माना जा रहा है. इन्हीं दो नामों को लेकर चर्चा तेज है. हालांकि इस सीट पर किरार समाज निर्णायक भूमिका में है. और शिवराज खुद किरार समाज से आते हैं. इसके अलावा यहां कांग्रेस भी किरार समाज को ही मौका देती आई है. अब देखना होगा कि बीजेपी परिवारवाद का आरोप झेलते हुए शिवराज के बेटे को टिकट देती है या फिर कोई नया चेहरा सामने आता है. लेकिन, इतना तय है कि इस सीट पर बीजेपी से केाई प्रत्याशी होगा तो वो किरार समाज से ही होगा.

कैसा होगा बीना सीट का मुकाबला?

मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से 2 दिन पहले सागर जिले के बीना से कांग्रेस विधायक ने बीजेपी का दामन थामा था. सीएम डॉ. मोहन यादव ने विधायक निर्मला सप्रे को बीजेपी की सदस्यता दिलाई थी. निर्मला सप्रे ने सागर जिले की आरक्षित बीना सीट से 2023 में विधानसभा चुनाव जीता था. सागर जिले में निर्मला सप्रे कांग्रेस की इकलौती विधायक थी, लेकिन उन्होंने भी बीजेपी का दामन थाम लिया था. फिलहाल निर्मला सप्रे ने इस्तीफा नहीं दिया है. तो वहीं बीजेपी के पूर्व विधायक महेश राय भी इस सीट से दावेदारी कर रहे हैं. अगर महेश राय बीजेपी का खेल बिगाड़ते हैं तो यहां पार्टी की मुसीबत बढ़ सकती है. अब देखना होगा कि कांग्रेस किस पर इस सीट से दांव लगाती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button