पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में सैद्धांतिक के साथ मिलेगा व्यवहारिक ज्ञान : श्रीमती गौर

भोपाल
पिछडा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने कहा है कि प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से विद्यार्थियों को सैद्धांतिक के साथ व्यवहारिक ज्ञान भी मिलेगा। श्रीमती गौर भोपाल के शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविधालय को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के रूप में शुरुआत कर रही थी।

राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत होने का आज  का दिन शिक्षा के क्षेत्र में एतिहासिक दिन है। युवाओं को रोजगारोन्मुखी पाठयक्रम से जुड़कर अपने भविष्य को संवारने का अवसर मिल रहा है। उन्होने कहा कि अग्रेजों के समय की लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति में व्यापक बदलाव कर प्रधानमंत्री श्री नरनेंद्र मोदी ने 2020 में नई शिक्षा नीति को लागू किया। युवाओं के भविष्य को संवारने वाली शिक्षा नीती शुरू की। राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि हमीदिया कालेज का भोपाल  जिला के प्रधानमंत्री कालेज ऑफ एक्सीलेंस के रूप में चयन होना गौरव की बात है। हमीदिया कालेज भोपाल से विभिन क्षेत्र में प्रदेश और देश का नाम रोशन करने वाली हस्तियों ने शिक्षा प्राप्त की है। हमीदिया कॉलेज का इतिहास गौरवशाली है। राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर से डिजिटल माध्यम से प्रदेश के 55 प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का शुभारंभ किया है।

राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने युवाओं  से कहा कि वह उन्हें उपलब्ध करवाए जा रहे संसाधनों का लाभ लेकर अपनी संस्कृति और परम्परा के साथ आगे बड़े। संयुक्त निदेशक सुन्दरलाल शर्मा केन्द्रीय ब्यबसायिक शिक्षा संस्थान श्री दीपक पालीवाल, हमीदिया कॉलेज जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री  देवेन्द्र रावत, प्राचार्य डॉ. (श्रीमती) पुष्प लता चौकसे ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। राज्यमंत्री श्रीमती  गौर ने कालेज परिसर में पौध रोपड किया। उन्होंने कॉलेज में भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ, हिन्दी ग्रन्थ अकादमी  प्रकोष्ठ और विद्यार्थी सेवा वस का शुभारंभ भी किया। अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ. मथरा प्रसाद, एडवोकेट श्री भरत चतुर्वेदी, कलेक्टर श्री कोशलेंद्र विक्रम सिंह, एस डी एम श्री एल के खरे, कॉलेज स्टाफ और विद्यार्थी उपस्थित थे।

 

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