भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- खुशी और गर्व के मौके पर भी विपक्ष नकारात्मकता फैलाने पर तुला हुआ है

नई दिल्ली
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने रूस द्वारा अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से पीएम नरेंद्र मोदी को सम्मानित किए जाने को 140 करोड़ देशवासियों के लिए गर्व और संतुष्टि की अनुभूति का अवसर बताते हुए कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के रवैये पर सवाल उठाया है। भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये विषय सिर्फ एक सम्मान का नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी भारत के इकलौते प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें फ्रांस, इजिप्ट, यूएई, सऊदी अरब और फिलिस्तीन जैसे देशों ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है और अब रूस ने भी अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द आर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल' से सम्मानित किया है।

कांग्रेस और विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आगे कहा कि खुशी और गर्व के मौके पर भी विपक्ष नकारात्मकता फैलाने पर तुला हुआ है। कोई भी शुभ अवसर हो, वे नकारात्मक और शर्मनाक टिप्पणियां करना शुरू कर देते हैं। अब, वे हमसे 'यूक्रेन' के बारे में पूछ रहे हैं। मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने अपनी सीडब्ल्यूसी में रूस-यूक्रेन मुद्दे पर कोई प्रस्ताव पारित किया है?

उन्होंने दुनियाभर में पीएम मोदी की लोकप्रियता और प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका कहता है कि 'भारत हमारा रणनीतिक साझेदार है' और रूस कहता है, 'भारत हमारा पारंपरिक सहयोगी है।' उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में किसी अन्य देश का इतना बड़ा कद नहीं है, जिसके प्रति इन दोनों देशों ने इन शब्दों में अपनी भावना व्यक्त की हो। इस समय भारत के पीएम नरेंद्र मोदी एकमात्र ऐसे राष्ट्राध्यक्ष हैं, जिन्हें दो बार अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने का अवसर मिला और उसके साथ ही रूस ने भी उन्हें अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है।

जनसंख्या को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने असम की घुबरी लोकसभा सीट पर आए नतीजे का हवाला देते हुए कहा कि ये देखना होगा कि डेमोग्राफी कैसे बदल रही है और जनसंख्या वृद्धि एवं असंतुलन का फायदा कौन उठा रहा है। महंगाई को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कांग्रेस के दौर की याद दिलाते हुए कहा कि लोगों को यह देखना चाहिए कि कांग्रेस के कार्यकाल में महंगाई की दर कितनी ज्यादा थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button