इंदौर को 15 फरवरी तक बाल भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के अभियान को और अधिक गति दी जायेगी..
कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न
*अभियान से सभी एडीएम और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी भी जुडे़गें*
*सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण नहीं करने पर अधिकारियों के विरूद्ध होगी कार्रवाई*
*स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने में लगे वाहनों का होगा डाटाबेस तैयार*
इंदौर(जनकल्याण मेल)- इंदौर शहर को 15 फरवरी तक बाल भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के लिए चल रहे अभियान को और अधिक गति दी जायेगी। अभियान को गति देने के लिए सभी एडीएम और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी भी जुड़ेगे।
इस अभियान के तहत सभी चौराहों और मंदिरों को बाल भिक्षुकों से मुक्त करने की कार्यवाही की जा रही है। भिक्षावृत्ति से मुक्त कराई जा रहे बच्चों के शिक्षण और पुनर्वास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिले में सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण नहीं करने पर अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। साथ ही जिले के स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने में लगे वाहनों का डाटाबेस तैयार किया जायेगा।
यह जानकारी आज यहा कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई टीएल बैठक में दी गई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिद्धार्थ जैन, अपर कलेक्टर श्री गौरव बेनल, श्रीमती सपना लौवंशी, श्री रोशन राय, श्री राजेन्द्र रघुवंशी, श्रीमती निशा डामोर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने अधिकारियों को पिछली बैठक में निरीक्षण संबंधी दिये गए निर्देशों के परिपालन की समीक्षा की। इस अवसर पर बताया गया कि लगभग सभी अधिकारियों ने फील्ड में पहुंचकर अपने विभाग से संबधित निर्माण कार्यों, योजना और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की। अधिकारियों ने कलेक्टर के समक्ष निरीक्षण प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया। कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिये कि अधिकारी सतत् रूप से फील्ड में जाकर निरीक्षण करते रहें। कमियों और समस्याओं को पता कर उनके निराकरण की दिशा में भी कार्य करें। श्री सिंह ने निर्देश दिये कि सभी जिला अधिकारी अपने अधिनस्थ अधिकारियों को भी फील्ड में निरीक्षण के लिए भेजें। श्री सिंह ने निर्देश दिये कि जल-जीवन मिशन के तहत अपूर्ण कार्यों को शीघ्र पूरा करें। उन्होंने निर्देश दिये कि स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने के कार्य में लगे वाहनों का डाटाबेस तैयार किया जाये। ऐसे वाहन जो स्कूल में संलग्न नहीं है परन्तु वह बच्चों को स्कूल लाने ले जाने का कार्य करते है उनकी अलग से सूची बनाई जाये। श्री सिंह ने निर्देश दिये कि किसी भी हाल में 15 फरवरी से रेती मंडी नये स्थान पर और 16 फरवरी से नायतामुंडला में नया बस स्टैण्ड प्रारंभ हो जाए। इसके पहले सभी आवश्यक तैयारियां एक-दो दिन में पूर्ण कर ले।