कांग्रेस के अधीर रंजन लोकसभा में हंगामा करने पर पूरे सत्र के लिए निलंबित, 13 पहले

नईदिल्ली

लोकसभा में हंगामा करने के लिए विपक्ष के कई सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड किया गया है. कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी सहित विपक्ष के 33 सांसदों को सोमवार को सस्पेंड कर दिया है. 

इन सांसदों को सस्पेंड करने का प्रस्ताव संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पेश किया था, जिसे बाद में ध्वनिमत से मंजूर कर लिया गया. 

संसद की कार्यवाही बाधित करने के लिए विपक्ष के कुल 33 सांसदों को सोमवार को सस्पेंड किया गया. इनमें से 30 सांसदों को सदन के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड किया गया है जबकि बाकी तीन के जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक सस्पेंड किया गया है. इन तीन सांसदों पर स्पीकर के पोडियम पर चढ़कर नारेबाजी करने का आरोप है. 

सोमवार को जिन 33 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड किया है, उनमें टी. सुमति, कल्याण बनर्जी, ए राजा, दयानिधि मारन, अपारूपा पोद्दार, प्रसून बनर्जी, ईटी मोहम्मद बशीर, जी. सेल्वम, सीएन अन्नादुरई, अधीर रंजन चौधरी, असीत कुमार मल, कौशलेंद्र कुमार, एंटो एंटनी, एसएस पलानीमनिकम, अब्दुल खालिक, थिरुनावुक्करासर, प्रतिमा मंडल, काकोली घोष, के.मुरलीधरन, सुनील मंडल, एस. रामालिंगम, के. सुरेश, अमर सिंह, राजमोहन उन्नीथन, गौरव गोगोई, टीआर बालू, के कानी नवास, के वीरस्वामी, एनके प्रेमचंद्रन, सौगत रॉय, शताब्दी रॉय, के जयकुमार शामिल हैं.

सरकार अत्याचार कर रही- अधीर रंजन

लोकसभा से अपने निलंबन पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मेरे समेत सभी नेताओं को निलंबित कर दिया गया है। हम कई दिनों से मांग कर रहे हैं कि हमारे जिन सांसदों को पहले निलंबित किया गया था उन्हें बहाल किया जाए और गृह मंत्री आएं सदन में जाकर बयान दें। अधीर ने कहा कि गृह मंत्री रोज टीवी पर बयान देते हैं। संसद की सुरक्षा के लिए सरकार क्या कर रही है, इस पर वो थोड़ा संसद में भी बोल सकते हैं। आज की सरकार अत्याचार ऊंचाई पर पहुंच गई है, हम सिर्फ चर्चा चाहते थे।

ये रहा निलंबन का कारण

कुल 33 लोकसभा सांसदों को सोमवार को संसद से निलंबित किया गया है। इनमें सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, डीएमके सांसद टीआर बालू और दयानिधि मारन और टीएमसी के सौगत रॉय शामिल हैं। 30 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र और 3 सांसदों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है। के जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक, नारे लगाने के लिए अध्यक्ष के आसन पर चढ़ गए थे। सभापति द्वारा नामित किए जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने निलंबन के संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया और इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई है।

इससे पहले विपक्ष के कुल 14 सांसदों को सस्पेंड किया गया है. इस तरह देखा जाए तो इस सत्र में विपक्ष के अब तक कुल 47 सांसदों को सस्पेंड किया गया है. 

14 दिसंबर को भी हुए थे 14 सांसद सस्पेंड

इससे पहले 14 दिसंबर को कुल 14 सांसदों को सस्पेंड किया गया था. इनमें से 13 लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद था. इन्हें भी संसद के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड किया गया था. 

उस समय मणिकम टैगोर, कनिमोझी, पीआर नटराजन, वीके श्रीकंदन, बेनी बहानन, के सुब्रमण्यम, एस वेंकटेशन और मोहम्मद जावेद को लोकसभा से सस्पेंड किया गया था. तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन एकमात्र राज्यसभा सांसद थे, जिन्हें सस्पेंड किया गया था.

सांसदों को सस्पेंड करने का फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले पर विपक्षी सांसद लगातार सदन में विरोध कर रहे हैं. 

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