‘निखिल गुप्ता कट्टर हिंदू, उसे गोमांस खाने को किया मजबूर’, पन्नू मामले में गिरफ्तार भारतीय के परिवार का दावा
नई दिल्ली
सिख अलगाववादी और अमेरिकी-कनाडाई नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश मामले में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है। प्राग में गुप्ता की हुई गिरफ्तारी को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। विदेशी धरती पर आते ही रोक लिया गया और फिर काली एसयूवी में बैठाकर बांध दिया गया। इसके बाद विदेशी शहर के चारों ओर ड्राइव करते समय करीब 3 घंटे तक उससे पूछताछ की गई। मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया। भले ही यह किसी क्लासिक हॉलीवुड जासूसी थ्रिलर फिल्म का दृश्य लगे मगर गुप्ता के साथ कुछ ऐसा ही हुआ।
निखिल गुप्ता के परिवार के एक सदस्य ने नाम न बताने की शर्त पर मामले को लेकर मीडिया से बातचीत की। उन्होंने दावा किया कि परिवार के लिए खतरों सहित मौलिक अधिकारों के कई उल्लंघन हुए हैं। उन्होंने भारत सरकार से अमेरिका में निखिल के प्रत्यर्पण में हस्तक्षेप करने की अपील की। फैमिली मेंबर ने कहा कि कुछ लोग निखिल गुप्ता के पास आए उन्होंने खुद को कानून विभाग से जुड़ा बताया। इसके बाद उन्होंने बिना कोई कारण बताए ही उन्हें प्राग हवाई अड्डे के बाहर से हिरासत में लिया गया। यह भी दावा किया गया कि चेक अधिकारियों ने भारतीय दूतावास को उनकी गिरफ्तारी/हिरासत के बारे में सूचना ही नहीं दी। यहां तक कि उसे कहां रखा गया है, इस बारे में भी नहीं बताया गया।
'निखिल शाकाहारी है, उसे मांसाहार के लिए किया मजबूर'
निखिल गुप्ता के परिवार ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इस पर एससी ने शुक्रवार को कहा कि चेक गणराज्य की कोर्ट से संपर्क करें। अदालत में दायर याचिका के अनुसार, गुप्ता को अरेस्ट करने के बाद जेल में उसे 10-11 दिन तक केवल सूअर का मांस और बीफ ही दिया गया। वह कट्टर हिंदू और शाकाहारी है, इसलिए ये सब नहीं खा सकता था। इस बारे में उसने अधिकारियों को बताया, मगर उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन लोगों ने गुप्ता को शाकाहारी भोजन देने से इनकार कर दिया। उसे ऐसा खाना ही खाने के लिए मजबूर किया गया। यह तो बुनियादी मानवाधिकारों का साफ उल्लंघन है। याचिका में यह भी कहा गया है कि गुप्ता को भारत में अपने परिवार वालों से संपर्क करने की भी अनुमति नहीं दी गई।